रैगिंग आज के समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है। कितने बच्चे रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या कर लेते हैं। रैगिंग के नाम पर हमें समय-समय पर समाचार पत्रों में खबरें मिलती रहती हैं। कुछ सीनियर छात्र रैगिंग के नाम पर जूनियर छात्रों को परेशान करते हैं। उनका मजाक उड़ाते हैं, उनके कपड़े तक उतार उतार देते हैं। बहुत से स्टूडेंट इससे इतना परेशान हो जाते हैं कि अपनी जान तक दे देते हैं।
रैगिंग क्या है? what is Ragging
रैगिंग शब्द अधिकतर श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें किसी कॉलेज यूनिवर्सिटी के सीनियर छात्र जूनियर छात्रों पर अपनी बड़ाई प्रकट करते हैं। खुद को विशेष मानते हुए जूनियर छात्रो से खुद का सम्मान करने के लिए जबर्दस्ती करते है। उनसे बदसलूकी और अभद्र व्यवहार करते हैं। उन्हें नाच गाने के लिए कहते हैं। बुरी भाषा का प्रयोग करते हैं। सीनियर छात्र अपने ने जूनियर छात्रों पर रोब जताते हैं। उन्हें शारीरिक और मानसिक घटनाएं देते हैं। श्रीलंका और भारत रैगिंग से सबसे अधिक प्रभावित देश है। इन देशों में कई छात्र रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या कर चुके हैं।
रैगिंग के कारण और प्रभाव causes and effects of Ragging
रैगिंग के कारण causes of Ragging
रैगिंग के लिए कुछ कारण जिम्मेदार होते हैं। सीनियर छात्रों को भी खुद रैगिंग का शिकार होना पड़ता है। जब वे कॉलेज या यूनिवर्सिटी में नए-नए आते हैं तो उनके सीनियर छात्र उनके साथ रैगिंग करते हैं। इसलिए उनके मन में यह बात बैठी होती है कि यदि मेरा अपमान हुआ है तो मैं भी अपने जूनियर को प्रताड़ित करके अपनी भड़ास निकाल लूंगा। इस तरह यह एक क्रम के रूप में आगे बढ़ता रहता है। सीनियर छात्र जूनियर छात्रों की रैगिंग करते हैं। फिर जूनियर छात्र सीनियर बन जाते हैं और वह भी अपने से जूनियर छात्रों की रैकिंग करते हैं।
पढ़िये- दहेज़ प्रथा पर निबंध
रैगिंग के प्रभाव Effects of Ragging
-
आत्महत्या कर लेना
भारत में रैगिंग से परेशान होकर बहुत से छात्र छात्राओं ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने मौत को गले लगा लिया। इसके पीछे सीनियर छात्रों द्वारा उन्हें बार-बार प्रताड़ित करना था।
2- स्कूल कॉलेज छोड़ देना
बहुत से स्टूडेंट रैगिंग से परेशान होकर स्कूल कॉलेज तक छोड़ देते हैं।
3- पढ़ाई बाधित होना
रैगिंग से परेशान होकर बहुत से स्टूडेंट की पढ़ाई बाधित हो जाती है। वह पढ़ने में मन नहीं लगा पाते, क्योंकि उनके सीनियर उन्हें तरह-तरह से परेशान कर रहे होते हैं। जबकि पढ़ाई ऐसा कार्य है इसमें किसी प्रकार का मानसिक समस्या या भटकाव नहीं होना चाहिए।
4- डिप्रेशन, मानसिक तनाव और अकेलापन
रैगिंग से तंग आकर बहुत से छात्र-छात्राएं डिप्रेशन में चले जाते हैं। उनको अवसाद हो जाता है। वे पढ़ाई में मन नहीं लगा पाते हैं। मानसिक तनाव से ग्रस्त हो जाते हैं। बहुत से स्टूडेंट तो क्लास में जाने से भी बचते हैं।
5- लगातार डरते रहना
बहुत से स्टूडेंट लगातार डरते रहते हैं कि उनके साथ कहीं रैगिंग की घटना ना हो जाए। उनके मन में डर बैठ जाता है।
पढ़िये- सामाजिक कुरीतियों पर निबंध
भारत में रैगिंग के मामले Ragging cases in india
- रैगिंग से परेशान आकर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में रहने वाले छात्र अमन काचरु ने 8 मार्च 2009 को आत्महत्या कर ली थी। एमबीबीएस प्रथम वर्ष में वे पढ़ रहे थे। उन्होंने प्रशासन को लिखित रूप में बताया कि कॉलेज के चार सीनियर छात्रों ने उनके साथ रैगिंग के नाम पर मारपीट की। उसके बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली।
- 2019 में तमिलनाडु के मदुरई शहर में 2 छात्रों ने रैगिंग से परेशान होकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली। दोनों छात्र एक निजी स्कूल में कॉलेज में पढ़ते थे।
- 17 अक्टूबर 2018 को केजीएमयू यूनिवर्सिटी लखनऊ में 6 छात्रों को रैगिंग के कारण निलंबित कर दिया गया। उन्हें हॉस्टल से भी निकाल दिया गया।
- इलाहाबाद के एक मेडिकल कॉलेज में सीनियर छात्रों ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के सिर मुंडवा दिए और लड़कियों को बालों मे तेल और जूड़ा बनाकर आने का कहा।
एंटी रगिंग एक्ट anti ragging act in hindi
UGC Act, 1956
रैगिंग रोकने के लिए भारत के सुप्रीम कोर्ट ने 1956 में यूजीसी एक्ट पारित किया था। इसके अंतर्गत यदि कोई छात्र अपने जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग करते पाया जाता है तो उसके खिलाफ 1956 एक्ट के अनुसार कार्रवाई होगी।
पढ़िये- गो ग्रीन पर निबंध
anti ragging act 2017
रैगिंग करने पर यह सजा मिल सकती है
- दोषी पाये जाने पर छात्रों को कॉलेज से निलंबित किया जा सकता है। साथ ही उन्हें क्लास अटेंड करने से भी मना कर सकते हैं।
- परीक्षा में बैठने से भी हटाया जा सकता है।
- गंभीर रैगिंग के लिए दोषी पाए जाने पर दोषी को 3 साल तक सश्रम कैद हो सकती है।
- 25000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है
रैगिंग कैसे रोके how to stop ragging
हम आपको some effective ways to stop the practice of ragging के बारे मे बताएँगे।
- रैगिंग को रोकने के लिए सरकार को कड़े नियम बनाने चाहिए। स्कूल कॉलेज प्रशासन को इन नियमों को पूरी तरह लागू करना चाहिए। कॉलेज प्रशासन को चाहिए कि दोषी को सजा अवश्य मिले। इसके साथ ही समाज में जागरुकता फैलाने होगी।
- रैगिंग को रोकने के लिए शिक्षकों की मदद लेना बहुत आवश्यक है। कॉलेज, यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा शिक्षकों को लगातार छात्रों की निगरानी करने को कहा जाए। इसके साथ ही कॉलेज के भीतर जगह-जगह निगरानी करने वाले लोगों को नियुक्त किया जाए।
- कॉलेज यूनिवर्सिटी में जगह-जगह CCTV cameras लगाए जाएं। लगातार मॉनिटरिंग की जाए।
- कॉलेज, यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने वाले छात्रों से anti ragging form भरवाया जाए। उनके माता-पिता से भी एफिडेविट भरवाया जाए कि उनके बच्चे कॉलेज मे आकर रैगिंग नहीं करेंगे।
- स्कूल, कॉलेज में काउंसलर की नियुक्ति की जाए जिससे कोई भी बच्चा अपने साथ होने वाली रैगिंग की घटना को आसानी से काउंसलर को बता सकते हैं।
- कॉलेज, यूनिवर्सिटी को Anti-Ragging Squad की स्थापना करनी चाहिए।
- हर कक्षा में एक मॉनिटर की नियुक्ति की जाए जो कक्षा के भीतर होने वाली घटनाओं के लिए जिम्मेदार हो।
रैगिंग होने पर क्या करें?
रैगिंग होने पर कॉलेज, यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास लिखित रूप से शिकायत करें। यदि कार्रवाई ना हो तो पुलिस के पास लिखित रूप से शिकायत करें।
anti ragging form
लिंक पर क्लिक करें।
पढ़िये- कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध
1 thought on “रैगिंग पर निबंध Essay on Ragging in hindi language”