कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध Essay on female foeticide in india in hindi
इस लेख में हम आपको female foeticide essay देंगे। भारत में कन्या भ्रूण हत्या के बहुत से मामले देखने में मिलते हैं। यह एक बड़ी सामाजिक बुराई है जो आज भी देश को जकड़े हुए हैं। लोगों की मानसिकता आज भी सुधर नहीं रही है। वे कन्याओं (लड़कियों) को बोझ समझते हैं और प्रसव पूर्व ही गर्भपात करवा कर कन्या भ्रूण हत्या कर देते हैं। भारत में कन्या भ्रूण हत्या का प्रमुख कारण दहेज प्रथा है।
कन्या भ्रूण हत्या क्या है? What is female foeticide?
प्रसव से पूर्व ही कन्या भ्रूण को गर्भपात द्वारा नष्ट कर देने को कन्या भ्रूण हत्या कहते हैं। भारत सरकार ने इसे अवैध घोषित कर दिया है। 1990 में चिकित्सा क्षेत्र में अभिभावकीय लिंग निर्धारण जैसे तकनीकी विकसित हो गई थी। माता पिता जन्म से पूर्व ही यह पता लगा सकते थे कि होने वाला बच्चा लड़का है या लड़की। चूँकि भारत में हर दंपत्ति लड़का होने की कामना करता है इसलिए धीरे-धीरे इस तकनीक का गलत इस्तेमाल शुरू हो गया। दंपति इस तकनीक द्वारा पता कर लेते कि बच्चा लड़का है या लड़की। लड़की होने पर गर्भपात करवा देते।
धीरे-धीरे यह सिलसिला बड़े पैमाने पर होने लगा। इस तकनीक का इस्तेमाल इतना अधिक होने लगा कि लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम होने लगी। 2011 की जनसंख्या गणना के अनुसार भारत में 1000 पुरुषों पर 943 महिलाएं हैं। यानि 57 पुरुषों के विवाह के लिए महिलाएं ही नहीं है। इस तकनीक के आने के बाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या तेजी से कम होने लगी। इसलिए भारत सरकार ने इस पर बैन लगा दिया।
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भारत में कन्या भ्रूण हत्या के आकडे female foeticide statistics in india number of cases on female foeticide in india
शोध में यह पाया गया है कि भारत में 1990 से अभी तक गर्भपात द्वारा 10 लाख कन्या भ्रूण हत्या हुई है। MacPherson estimates के अनुसार आज भी भारत में सालाना 1 लाख कन्या भ्रूण हत्याये हो रही है। लड़कियों (बालिकाओं) को दुनिया में आने से पहले ही मार दिया जाता है।
कन्या भ्रूण हत्या के प्रमुख कारण causes of female foeticide in India
पुरुष प्रधान समाज
भारत का समाज आज भी पुरुष प्रधान है। भारत में पुरुषों को महिलाओं की तुलना में अधिक प्राथमिकता दी जाती है। बिजनेस कारोबार नौकरी जैसे क्षेत्रों में भी पुरुषों को अधिक महत्व दिया जाता है। महिलाओं को पिछड़ा और कमजोर समझा जाता है। यही वजह है कि आज भी भारत में दंपत्ति चाहते हैं कि उनके लड़का पुत्र पैदा हो। वह लड़की नहीं चाहते।
“लड़की को बोझ समझना” वाली मानसिकता
भारत में आज भी लोग लड़कियों को बोझ समझते हैं। उनका मानना है कि लड़कियों को अच्छी शिक्षा देने से क्या फायदा क्योंकि शादी के बाद तो वह दूसरे के घर चली जाती हैं। जबकि लड़का घर में रहता है और परिवार बढ़ाता है। वह पैसा भी कमा कर लाता है। इसी सोच की वजह से भारत में हर दिन कन्या भ्रूण हत्या होती हैं।
दहेज प्रथा dowry system in india
भारत में आज भी दहेज प्रथा का दानव मौजूद है। भारत में आमतौर पर लड़की के पिता को लड़की का विवाह करने के लिए 10 से 20 लाख रुपए खर्च करने होते हैं। दहेज ना देने पर कोई भी लड़का विवाह करने को तैयार नहीं होता है। लड़के के घरवाले भी दहेज के लोभी होते हैं। इसलिए जब भारत में किसी घर में लड़की पैदा होती है तो उसके पिता पर दहेज का धन एकत्र करने का दबाव लड़की के जन्म के दिन से ही शुरू हो जाता है। इसलिए लोग लड़की को बोझ मानते हैं।
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कन्या भ्रूण हत्या के परिणाम effects of female infanticide in india
जिस तरह पिछले 10-20 सालों में तेजी से कन्या भ्रूण हत्या के मामले सामने आए हैं उसके बहुत से दुष्परिणाम निकले हैं।
लड़कों के विवाह में परेशानी
2011 के आंकड़ों के अनुसार भारत में पुरुष स्त्री अनुपात 1000: 943 है। जब सभी लोग लड़के होने की कामना करेंगे तो उनसे विवाह करने के लिए लड़कियां कहां से आएंगी। यह एक बड़ी समस्या है।हरियाणा पंजाब में स्त्री पुरुष अनुपात सबसे कम है। वहां पर बहुत से लड़कों की शादी ही नहीं हो रही है। मजबूरी में कुंवारे रहने को मजबूर हैं।
गर्भपात के दौरान स्त्रियों की मृत्यु
गर्भपात महिलाओ के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत हानिकारक होता है। गर्भपात करते समय अनेक महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। यह उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। उनके भविष्य में मां बनने के अवसरों को भी कम करता है।
कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम Steps taken by government to control female foeticide
भारत की सरकार कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। पर आज भी चोरी चुपके इन कामों को किया जाता है। बहुत से डाक्टर पैसों के लालच में आकर गर्भपात द्वारा कन्या भ्रूण हत्या कर देते हैं। सरकार ने इसके खिलाफ सख्त नियम बनाया है। ऐसे किसी भी डॉक्टर या अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करके उसे जेल हो सकती है।
Female infanticide Act 1870
इस कानून को ब्रिटिश सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए पारित किया था।
पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 Pre-natal Diagnostic Techniques (Regulation and Prevention of Misuse) Act, 1994 (PNDT Act)
इस नियम के अनुसार जो दंपत्ति/ डॉक्टर/ लैब कर्मी जन्म से पूर्व शिशु के लिंग के लिए अल्ट्रासाउंड करवाएंगे उन्हें 5 साल सजा और 10 से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना लग सकता है। भारत सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए यह नियम बनाया है।
अल्ट्रासाउंड जांच पर रोक Ban on ultrasound testing 1996
भारत सरकार ने प्रसव पूर्व लिंग चयन के लिए किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड टेस्ट पर रोक लगा दी है, जिससे कोई भी दंपत्ति प्रसव पूर्व कन्या भ्रूण हत्या ना कर सके।
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भारत सरकार द्वारा बालिकाओं की रक्षा के लिए शुरू की गई योजनाएं
- बालिका समृद्धि योजना
- धन लक्ष्मी योजना
- कन्या जागृति ज्योति योजना
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
- देवी रूपक योजना
- दिल्ली लाडली स्कीम
- अपनी बेटी अपना धन योजना
- बेटी है अनमोल योजना
- भाग्य लक्ष्मी योजना
- मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना
- मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना
- इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना
- लाडली लक्ष्मी योजना
- रक्षक योजना
- मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
- सुकन्या समृद्धि योजना
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very nice