सामाजिक कुरीतियों पर निबंध Essay on Social Evils in hindi
सामाजिक कुरीतियां हर देश के लिए हानिकारक होती हैं। हमारे देश भारत में अनेक प्रकार की सामाजिक कुरीतियां पाई जाती हैं जिनसे देश का कोई फायदा नहीं होता बल्कि नुकसान ही होता है। सामाजिक कुरीतियां, बुराइयां देश को पीछे ले जा रही हैं। हम सबका कर्तव्य है कि देश की सभी सामाजिक कुरीतियों को खत्म कर दें और विकास के मार्ग को चुने।
भारत की मुख्य कुरीतियां (सामाजिक बुराइयां) major social evils in india, social evils in india that still prevail
लड़का लड़की में भेदभाव gender bias in india
आप सभी जानते होंगे कि भारत ऐसा देश है जहां पर लोग कामना करते हैं कि उनके पुत्र (लड़का) ही पैदा हो। वे लड़कियां नहीं पैदा करना चाहते। ऐसे लोग भूल जाते हैं कि जब लड़कियां ही नहीं होंगी तो उनके बेटों से शादी कौन करेगा? घर में खाना कौन बनाएगा? किसी देश में स्त्री ही नहीं होगी तो बच्चों को जन्म कौन देगा। लड़कियां (बालिकाएं) ना सिर्फ एक घर को रोशन करती हैं, बल्कि ससुराल जाकर वहां पर भी परिवार बढ़ाती हैं।
लड़कियों को शिक्षा नहीं no education for girl in india
21वीं सदी में भी भारत में लड़का और लड़की में फर्क किया जाता है। जहां लड़कों को अच्छी शिक्षा दी जाती है वही लड़कियों को सरकारी स्कूल में पढ़ाया जाता है। कई बार उन्हें पढ़ने भी नहीं भेजा जाता है। जो लोग लड़कियों से भेदभाव करते हैं उनका कहना है कि लड़कियां पढ़ लिख कर क्या करेंगी? शादी के बाद तो उन्हें ससुराल जाना होता है। पर वे यह भूल जाते हैं कि शिक्षा के बिना कोई भी लड़की भविष्य में अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार नहीं दे पाएगी।
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में बालिकाओं की शिक्षा का प्रतिशत सबसे कम है। पूरे देश में राजस्थान ऐसा राज्य है जहां पर महिला साक्षरता सबसे कम 52.66% है।
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भारत में घरेलू हिंसा domestic violence in India
भारत में घरेलू हिंसा एक बहुत बड़ी कुरीति है। भारतीय पुरुष अक्सर अपनी पत्नियों को पीटते हैं। उनके साथ बदसलूकी करते है। इतना ही नहीं ससुराल के लोग- सास ससुर देवर जेठ भी बहु के साथ मारपीट करते हैं। उसका उत्पीड़न करते हैं। भारतीय पुरुष अपने बच्चों के साथ भी मारपीट करते हैं। यह एक बड़ी कुरीति है जिसे हमें समाज से हटाना होगा। विकसित देशों जैसे अमेरिका कनाडा ब्रिटेन में घरेलू हिंसा के खिलाफ सख्त कानून है। एक बार भी पुरुष घरेलू हिंसा में दोषी पाया जाता है तो उसे जेल हो जाती है। परंतु भारत में इसको लेकर अभी तक कोई सख्त कानून नहीं बन सका है।
भारत में कन्या भ्रूण हत्या female foeticide in india
भारत में आज भी बहुत से घरवाले स्त्रियों का गर्भपात सिर्फ इसलिए करवा देते हैं क्योंकि उन्हें लड़की पैदा होने की आशंका रहती है। भारत सरकार ने प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर रोक लगा दी है। कन्या भ्रूण हत्या दर विश्व में सबसे अधिक भारत में है। शोध में पाया गया है कि 2000 से 2014 के बीच 1,27,71,043 कन्या भ्रूण हत्या की गई।
भारत में दहेज़ प्रथा dowry system in india
भारत में दहेज प्रथा एक बड़ी सामाजिक कुरीति है। आज भी लड़की की शादी करने के लिए लड़की के पिता को दहेज में मोटी रकम खर्च करनी होती है। वहीं दूसरी ओर लड़के के घरवाले उसकी शादी होने पर मोटा दहेज पाने की लालसा रखते हैं। इस सामाजिक कुरीति के कारण कई लड़कियों का विवाह नहीं हो पाता है। मजबूरन उन्हें किसी अधिक उम्र के व्यक्ति या विदुर से विवाह करना पड़ जाता है।
दहेज ना मिलने पर ससुराल में नववधू को तरह तरह से प्रताड़ित किया जाता है। उसे मारा-पीटा जाता है। उसके साथ बदसलूकी की जाती है। इतना ही नहीं कई बार उसकी हत्या कर दी जाती है। यह एक ऐसी सामाजिक कुरीति है जो अभी तक हमारे देश से नहीं मिट सकी है। हम सब को मिलकर इस कुरीति को दूर करना होगा।
जातिवाद caste system in india
जातिवाद भी हमारे देश में एक बड़ी सामाजिक बुराई है। भारत में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई बुद्धिस्ट जैन जैसे बहुत से जातियों के लोग रहते हैं पर देश के कुछ भ्रष्ट नेता देशवासियों को जातियों और वर्ग में बांटना चाहते हैं जिससे उन्हें वोट मिलते रहे। जातिवाद के कारण विकास नहीं हो पाता है। देश के कुछ स्वार्थी लोग जातिवाद को अपने स्वार्थ के लिए पैदा करते हैं। यदि देश की सभी जातियों आपस में मिल जुलकर रहे तो हमारा देश जल्दी विकसित हो जाएगा।
भ्रस्टाचार corruption in india
आज भ्रष्टाचार बहुत फैल चुका है। बड़े अधिकारियों से लेकर छोटे बाबू तक भ्रष्टाचार में लगे हुए हैं। इतना ही नहीं सरकार भी भ्रष्टाचार में लगी हुई है। जहाँ कांग्रेस पार्टी के काल में बोफोर्स घोटाला, 2G स्कैम, कोयला घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला, सत्यम घोटाला, आदर्श सोसायटी घोटाला जैसे बड़े घोटाले हुए, वही वर्तमान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के काल में रफेल जहाज जैसे बड़े घोटाले हुए हैं।
पढ़िये- कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध
भारत में शराबखोरी Alcohol consumption in India
भारत में शराब का सेवन तेजी से बढ़ रहा है। 2005 से 2016 के बीच में शराब का सेवन दोगुना हो गया है। शराब पीने से भारत में 260000 लोग हर साल मारे जाते हैं। इसमें से अधिक मात्रा उन लोगों की होती है जो देसी या कच्ची शराब (जहरीली शराब) का सेवन करते हैं। शराब सेवन में बड़े ही नहीं छोटी उम्र के नौजवान भी शामिल है। यह एक ऐसी बुराई है जो परिवार को नष्ट कर देती है। शराब पीने वाला व्यक्ति अपनी पूरी कमाई को शराब पर खर्च कर देता है और परिवार की देखरेख नहीं करता।
वेश्यावृत्ति prostitution in india
भारत में वेश्यावृत्ति एक बड़ी सामाजिक बुराई है। बहुत सी स्त्रियां मजबूरन वेश्यावृत्ति करने को मजबूर हैं। भारत के मुंबई, कोलकाता जैसे शहरों में वेश्यावृत्ति एक बड़े हिस्से में फैली हुई है। जिस्मफरोशी के धंधे के लिए चकला घरों के मालिक लड़कियों का अपहरण करते हैं। उनपर दबाव बनाकर उनसे वेश्यावृत्ति कराते हैं। यह सब एक बिजनेस की तरह संचालित होता है। बहुत सी लड़कियों को उनके मां-बाप पैसों के लिए बेच देते हैं। फिर उनके नए मालिक उनसे वेश्यावृत्ति जैसा घिनौना काम करवाते हैं।
बालमजदूरी child labour in india
भारत में बाल मजदूरी एक बड़ी समस्या है। 2011 के आंकड़ों के अनुसार भारत में 33 million बाल मजदूर हैं, जिनकी उम्र 5 से 18 वर्ष है। 10 million ऐसे मजदूर हैं जिनकी उम्र 5 से 14 वर्ष है। भारत में कुल मिलाकर 44 million ऐसे बाल मजदूर हैं जो 18 वर्ष से कम आयु के हैं और भारत की आबादी का 37% है। बिहार राजस्थान उत्तर प्रदेश झारखंड पश्चिम बंगाल ऐसे राज्य है जहां पर बाल मजदूर सबसे अधिक पाए जाते हैं। हम सबको इस सामाजिक बुराई को दूर करना होगा। बच्चों को स्कूल भेजना होगा जिससे वे शिक्षा प्राप्त कर सके और सुंदर भविष्य बना सके।
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