पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध Essay On Pollution In Hindi
Essay On Pollution In Hindi इस पोस्ट में हम आपको “प्रदुषण की समस्या पर निबंध” पर बेहतरीन लेख देंगे। आज के समय में प्रदूषण एक प्रमुख समस्या बनकर उभरा है। इसे मनुष्य ने पैदा किया है इसलिए इसका निवारण भी मनुष्य को करना होगा। आज हालात इतने खराब हो गए हैं कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।
मनुष्य ने विज्ञान के दम पर इतना अधिक विकास कर लिया है कि अब यही विकास उसके लिए हानिकारक साबित हो रहा है। हर दिन नई फैक्ट्रियां, और कारखाने लगाए जा रहे हैं जिनका एक मात्र लक्ष्य मुनाफा (पैसे) कमाना है। पर इन फक्ट्रियों से कई प्रकार का प्रदूषण भी हो रहा है।
रासायनिक कचरे को नदियों, तालाबों, जलाशयों, सागर में फेंका जा रहा है। फैक्ट्रियों की चिमनियों से निकलने वाला धुआं और जहरीली गैस आज सभी को नुकसान पहुंचा रही हैं। हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।
प्रदूषण का अर्थ pollution introduction
प्रदूषण का अर्थ होता है प्राकृतिक संसाधनों का दूषित हो जाना, जैसे पीने योग्य पानी का दूषित हो जाना, सांस लेने के लिए हवा का खराब हो जाना, नदियों का पानी दूषित हो जाना, शहरों में हमेशा ही शोर शराबा बने रहना। शांत वातावरण ना होना।
प्रदूषण के प्रकार types of pollution
इस पैराग्राफ में हम आपको types of pollution in hindi के बारे में जानकारी देंगे।
वायु प्रदूषण air pollution
air pollution in hindi वायु प्रदूषण भी प्रदूषण का एक प्रमुख प्रकार है। इसमें हवा दूषित हो जाती है।
वायु प्रदूषण के कारण air pollution causes
- पेड़ो को लगातार काटना, वनों को समाप्त करना
- मोटर गाड़ियों से निकलने वाला धुआं,
- फैक्ट्रियों, कारखानों की चिमनी से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का कारण बनता है। इससे हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। हवा में कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसे बढ़ जाती है। हवा में जहरीले तत्व सांस लेते समय मनुष्य के फेफड़े में चले जाते हैं और कई प्रकार की बीमारियों को जन्म देते हैं। अस्थमा की बीमारी वायु प्रदूषण से होती है।
जल प्रदूषण water pollution
water pollution in hindi प्रदूषण का दूसरा रूप जल प्रदूषण के रूप में देखने को मिलता है। आज देश की प्रमुख नदियां दूषित हो चुकी है। गंगा नदी जो भारत की सबसे बड़ी और पवित्र नदी मानी जाती थी आज उसका पानी बहुत अधिक दूषित हो गया है। उसे पीना तो दूर लोग उसमें नहाना भी पसंद नहीं करते हैं। फैक्ट्रियों के रासायनिक कचरे को लगातार देश की नदियों में छोड़ा जा रहा है जिससे जल प्रदूषण बढ़ रहा है।
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जल प्रदूषण के कारण water pollution causes
- कारखानों के रासायनिक कचरे को नदियों में छोड़ना
- शहरों की नालो, नालियों और सीवर के दूषित जल को नदियों में छोड़ना
- मनुष्यों द्वारा नदियों के निकट शौच और नहाने जैसे क्रियाओं को करना
- नदियों के जल में मवेशियों (गाय, भैस) को नहलाना
- मृत शवो को नदियों में विसर्जित कर देना
- महासागरों में नावो, क्रूज और तेल टैंकरों द्वारा तेल का रिसाव
भूमि प्रदूषण Land pollution
भूमि प्रदूषण प्रदूषण का तीसरा रूप है जो हमें हर जगह देखने को मिलता है इसका अर्थ है गंदगी, कचड़े को भूमि में खुला छोड़ देना। उसका किसी प्रकार निस्तारण ना करना। दिल्ली, आगरा, मुंबई, कोलकाता जैसे शहरों में भूमि प्रदूषण हर तरफ देखने को मिलता है। जगह-जगह गंदगी का ढेर पाया जाता है। दिल्ली में दिल्ली में प्रतिदिन हजारों टन कचरा निकलता है। यह कचरा जिस स्थान पर फेंका जाता है वहां “कचड़े का पर्वत” ही बन गया है।
मृदा प्रदूषण soil pollution
soil pollution in hindi मृदा प्रदूषण तब फैलता है जब मिट्टी खराब हो जाती है और उसमें उगने वाली फसल है हमें नुकसान पहुंचाने लगती हैं।
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मृदा प्रदूषण के प्रमुख कारण soil pollution causes
- कृषि के लिए रासायनिक खादों का अंधाधुंध इस्तेमाल करना
- सीवर, शौचालय के जल को भूमि के भीतर छोड़ना
- नालों और सीवर के जल को खुली भूमि में छोड़ना।
- प्लास्टिक, कांच, हॉस्पिटल का कचरा, औद्योगिक ठोस कचरा, रबड़, चमड़ा ईट, रेट, शहरी घरो से निकले हुए कचरे को खुली भूमि में छोड़ना
ध्वनि प्रदूषण noise pollution
noise pollution in hindi आज 21वीं सदी में ध्वनि प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ गया है। शहरों में वाहनों, मोटर- गाड़ियों, बसों की संख्या इतना अधिक हो गई है कि हर तरफ शोर होता रहता है। वाहन चलाने वाले लोग लगातार हार्न बजाते रहते हैं जिससे ध्वनि प्रदूषण बढ़ जाता है। इसके साथ ही शादी जैसे कार्यक्रमों में डीजे बहुत तेज ध्वनि में बजाया जाता है जिससे ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न होता है। धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल होता है जिससे ध्वनि प्रदूषण फैलता है। ध्वनि प्रदूषण से सिर दर्द, माइग्रेन, डिप्रेशन, बहरापन, हार्ट अटैक, उच्च रक्तचाप बीमारियां जन्म लेती हैं।
ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख कारण noise pollution causes
- वाहनों, मोटर गाड़ियों से उत्पन्न होने वाला ध्वनि प्रदूषण
- वैवाहिक कार्यक्रम में डीजे से उत्पन्न होने वाला ध्वनि प्रदूषण
- धार्मिक कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाने वाले लाउडस्पीकर
- रेल की ध्वनि
- शहरों के ऊपर बार-बार बाय वायुयानो जैसे हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर का आना जाना
- रेडिओ, टेलीवीजन जैसे उपकरणों का प्रयोग
रेडियोधर्मी प्रदूषण radioactive pollution
यह प्रदूषण परमाणु ऊर्जा उत्पादन के दौरान उत्पन्न होता है। परमाणु हथियारों के अनुसंधान, निर्माण और तैनाती के समय रेडियोधर्मी प्रदूषण उत्पन्न होता है। इतना ही नहीं मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर जैसे डिवाइस का इस्तेमाल करने से भी रेडियोधर्मी प्रदूषण उत्पन्न होता है। इसी कारण कई प्रकार की असाध्य बीमारियां होती हैं।
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प्रदूषण के प्रमुख कारण pollution causes
- मनुष्य द्वारा अत्यधिक मात्रा में फैक्ट्री, कारखानों को लगाना
- पेड़ों को काटना, नये पेड़ न लगाना
- प्लास्टिक, कांच और अन्य प्रकार के कचरे को खुले में छोड़ देना
- नाले और सीवर के जल को नदियों और तालाबों में छोड़ देना
- अधिक मात्रा में मोटर, गाड़ियों वाहनों का इस्तेमाल करना
- वातानुकूलित उपकरण जैसे एयर कंडीशनर का बहुत अधिक इस्तेमाल करना
प्रदूषण के प्रभाव effects of pollution
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जलवायु परिवर्तन climate change
आज प्रदूषण की वजह से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। जलवायु परिवर्तन का अर्थ है कि सर्दी, गर्मी, बरसात में प्रकृति का विपरीत रूप दिखाई देना। जो ऋतु आनी चाहिए उसके स्थान पर किसी दूसरी ऋतु का आ जाना। बेमौसम बारिश, बाढ़, सुनामी, चक्रवात, तूफान जैसी समस्याएं उत्पन्न होना। जलवायु परिवर्तन पृथ्वी के लिए बहुत हानिकारक है। वातावरण का तापमान हर साल कुछ डिग्री बढ़ रहा है जिससे ध्रुवों पर जमी हुई बर्फ पिघल रही है। जलवायु परिवर्तन के कारण पशु पक्षी विलुप्त होते जा रहे हैं।
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ग्लोबल वार्मिंग global warming
मनुष्य द्वारा द्वारा उत्पन्न किए गए प्रदूषण का नतीजा है कि आज ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। संपूर्ण पृथ्वी का तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है। सूखा पड़ रहा है।
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अम्लीय वर्षा Acid rain
पर्यावरण प्रदूषण के कारण अम्लीय वर्षा की घटनाएं बढ़ रही हैं।
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प्रदूषण को रोकने के उपाय how to prevent pollution
वायु प्रदूषण से बचने के उपाय how to prevent air pollution
- कम से कम वाहनों का इस्तेमाल करना जिससे कम घुँआ वातावरण में जाए
- फैक्ट्रियों और कारखानों के बढ़ते विस्तार को रोकना
- पेड़ो को कटने से रोकना, नये पेड़ लगाना, जंगलों का संरक्षण करना
- जादा से जादा पेड़ लगाने चाहिये
जल प्रदूषण को रोकने के उपाय how to prevent water pollution
- फैक्ट्रियों, कारखानों और दूसरे औद्योगिक रासायनिक कचरे को नदियों, तालाबो, झीलों, महासागरों में जाने से रोकना होगा। इस प्रकार के कचरे के लिए सरकार को एक सशक्त योजना बनानी चाहिए।
- नदियों के जल को साफ करने के लिए जल शोधन केंद्र बनाया जाए।
- मनुष्यों को नदियों के निकट नहाने, मल मूत्र त्यागने से रोकना होगा।
- कृषि कार्य के लिए रासायनिक खादों, कीटनाशको के स्थान पर जैविक खाद का इस्तेमाल किया जाये।
- गंदे नालों और सीवर के पानी के निस्तारण के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाए।
ध्वनि प्रदूषण से बचने के उपाय how to prevent noise pollution
- शहरों में वाहनों के इस्तेमाल को हतोत्साहित किया जाए। उस पर महंगे टैक्स लगाए जाएं जिससे लोग निजी वाहन के स्थान पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें
- हार्न बजाने पर पाबंदी लगाई जाए।
- तेज आवाज में डीजे और लाउडस्पीकर पर पाबंदी लगाई जाए।
दिल्ली: प्रदुषण से प्रभावित pollution in delhi
देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है। अब यहां के हालात बहुत खराब हो चुके हैं। सर्दियों के मौसम में दिल्ली शहर में कोहरा छाया रहता है जो कुछ और नहीं धूल के कण है जो वायुमंडल की निचली सतह में जम जाते हैं। आज दिल्ली के लोगों को मजबूरन मास्क का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। वहां के लोग अस्थमा, एलर्जी और दूसरी वायु जनित बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। वाहन चलाने में भी बहुत दिक्कत होती है। आजकल दिल्ली में वायु प्रदूषण सभी तरफ देखने को मिलता है। दिल्ली शहर की वायु की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। जनवरी 2019 में दिल्ली की वायु का वायु गुणवत्ता सूचकांक 372 दर्ज किया गया है जो काफी खतरनाक है।
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भोपाल गैस कांड Bhopal gas tragedy
भोपाल गैस कांड वायु प्रदूषण का एक प्रमुख उदाहरण है। 2 दिसंबर 1984 की रात को भारत के भोपाल शहर में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड की फैक्ट्री से मिथाइल आइसो साइनाइट गैस का रिसाव हो गया जिससे 3787 लोग मारे गए। 2 हफ्ते बाद 8000 लोग गैस से पैदा हुई बीमारियों के कारण मारे गए। गैस रिसाव से कुल 558125 लोग प्रभावित हुए थे जो कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ गए। बहुत लोग अपंगता के शिकार हो गये।
Author- Rahul Singh
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