क्या प्रेम में शारीरिक संबंध जरूरी होता है ? Does true Love require physical intimacy?
दोस्तों, इस प्रश्न पर आज हम चर्चा करेंगे कि क्या प्रेम में शारीरिक संबंध जरूरी होता है? यह एक बड़ा प्रश्न है और इसमें लोगों की राय भी अलग अलग है। वैसे देखा जाए तो सच्चे प्रेम में शारीरिक संबंध (सेक्स) की जरूरत ना के बराबर होती है। सच्चा प्यार करने वाले लड़का लड़की के बीच में सेक्स एक बहुत छोटी चीज होती है।
उन्हें तो बस एक दूसरे के पास बैठकर हाथों में हाथ लेकर बातें करने में ही बहुत आनंद आता है। अपने प्रेमी या प्रेमिका को एक नजर देख लेने से ही उन्हें बहुत आनंद मिलता है। सच्चे प्रेम में सेक्स उतना महत्वपूर्ण नहीं होता है।
सच्ची प्रेम की परिभाषा क्या है? What is True Love means?
दोस्तों true love को आप सभी जानते होंगे। सच्चे प्रेम में आप अपने प्रेमी प्रेमिका के बिना एक पल भी नहीं जी पाते हैं। यदि 1 दिन भी आपकी अपने प्रेमी से बात नहीं होती है तो आप बेचैन हो जाते हैं। जब तक वह खाना ना खा ले आप खाना नहीं खाते हैं। जब तक आप उससे फोन पर बात ना कर लें आपको चैन नहीं मिलता है। इसे ही सच्चा प्रेम कहते हैं।
True Love में यदि आपका प्रेमी या प्रेमिका बीमार है तो आप भी दुखी हो जाते हैं। आपको ऐसा लगता है कि आप ही बीमार हो गए हैं। जब आपका पार्टनर खुश होता है तो उसकी खुशी देखकर आप भी फूले नहीं समाते हैं। आप अपने पार्टनर से शादी करने के लिए समाज, परिवार से बगावत कर बैठते हैं। यदि परिवार की रजामंदी नहीं होती है तो आप कुछ भी कर गुजर सकते हैं। इस तरह True Love को परिभाषित किया जा सकता है।
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पहना दृष्टिकोण: सच्चे प्रेम में शारीरिक संबंध की जरूरत नहीं होती है
True Love does not require physical intimacy इस विषय पर हमने एक लंबा सर्वे किया और लोगों की अलग-अलग राय सामने आई है।
- प्रेम ईश्र्वर के समान पवित्र होता है Love is pure as a holy Book
रचना गुप्ता MPhill, Political science (दिल्ली) का कहना है कि सच्चा प्रेम ईश्र्वर के समान पवित्र होता है। उसमें शारीरिक संबंध की जरूरत नहीं होती है। यदि कोई लड़का किसी लड़की से सच्चा प्यार करता है तो वह उसे मंदिर में रखी किताब की तरह संभाल कर रखेगा। उसे अपवित्र नहीं करेगा। वह अपनी प्रेमिका का पूरा ख्याल रखेगा। रचना मिश्रा कहती हैं कि सच्चा प्यार में होने पर आपको अपने प्रेमी में ईश्वर और भगवान दिखाई देता है। “तुझ में रब दिखता है” वाली फीलिंग आती है। इसलिए शारीरिक संबंध की जरूरत ही नहीं होती है। दोनों को एक दूसरे के पास जाकर ही बहुत आनंद की प्राप्ति होती है।
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2. जो प्रेमी जोड़े सेक्स पर जोर देते है वो सच्चे प्रेम को नही समझते है
देव कुमार (झारखंड) का कहना है कि सच्ची प्रेम में शारीरिक संबंध की आवश्यकता नहीं होती है। जो जो प्रेमी जोड़े बार बार शारीरिक संबंध बनाते हैं वे वासना के भूखे होते हैं। वह सच्चे प्यार को पहचानते ही नहीं है। यह भी स्पष्ट है कि वे प्यार नहीं करते हैं। उस तरह के प्यार में लड़का लड़की एक दूसरे से बस शारीरिक सुख लेने वाला प्यार करते हैं। उसे सच्चा प्यार कहना सही नहीं होगा।
3. जिससे हम सच्चा प्यार नहीं करते हैं उसके साथ सेक्स कैसे कर सकते हैं? can a man sleep with a woman without developing feelings
रवि प्रकाश शर्मा (आसाम) का दृष्टिकोण इस प्रश्न पर बिल्कुल अलग है। उनका कहना है कि जिससे हम सच्चा प्रेम नहीं करते हैं उससे शारीरिक संबंध कैसे बना सकते हैं? उनका यह मानना है कि लड़का लड़की के बीच शारीरिक संबंध सिर्फ तभी बनना चाहिए जब वे दोनों आपस में सच्चा प्रेम करते हो।
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दूसरा दृष्टिकोण: सच्चे प्रेम में शारीरिक संबंध जरूरी होता है True Love does require physical intimacy
- शारीरिक संबंध बनाने से प्यार और मजबूत हो जाता है importance of physical relationship
दुर्गेश कुमार (भोपाल) का कहना है कि सच्चे प्रेम में शारीरिक संबंध जरूरी होता है। वह ऐसा मानते हैं कि शारीरिक संबंध बनाने से प्यार मजबूत होता है और पहले से गाढ़ा हो जाता है। इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि युवा लड़के लड़कियों की एक शारीरिक आवश्यकता होती है। जिस तरह भोजन करने से पेट की आग शांत होती है, उसी तरह सेक्स करने से शरीर की भूख शांत होती है। वे मानते हैं कि सेक्स करने से सच्चा प्यार और भी ज्यादा मजबूत हो जाता है।
2. सेक्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, यह तो होगी ही sex is a natural process
मनीष पांडे (देहरादून) का कहना है कि सेक्स को स्वयं ईश्वर ने बनाया है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। यदि दो प्रेमी जोड़े आपस में सेक्स करते हैं तो इसमें गलत क्या है? इसे हम खुलकर स्वीकार क्यों नहीं करते हैं? इसे हमेशा टैबू (गलत बात) के तौर पर क्यों देखा जाता है? यदि एक प्रेमी जोड़ा आपस में प्रेम करता है और शारीरिक संबंध बनाता है तो इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। बस यह दोनों की रजामंदी से होना चाहिए।
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3. भारतीय समाज में सेक्स को हौवा बना दिया है why sex is taboo in India?
मिथिलेश महतो (पटना) का कहना है कि भारतीय समाज में शुरू से सेक्स को एक बड़ा हौवा बना दिया गया है, जबकि यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। इसे लोग हमेशा क्यों बुरी नजर से देखते हैं? हमारे माता-पिता और वृद्ध लोग क्यों इस पर खुलकर बात नहीं करते हैं? यह बात समझ से परे है। इसके लिए भारत की वैदिक संस्कृति भी जिम्मेदार है, जिसने हमेशा से सेक्स को एक हौवा बना कर रख दिया है, जैसे यह कोई बहुत बड़ा गलत काम है। इस विचारधारा को बदलना होगा।
4. सेक्स करने के फायदे sex health benefits
सेक्स तनाव को दूर करता है, इससे शरीर का व्यायाम होता है। महेंद्र कुमार (बंगाल) का कहना है कि सेक्स करने से तनाव दूर होता है। करने से शरीर का अच्छा व्यायाम भी होता है। इसलिए प्रेमी जोड़े आपस में सहज रूप से सेक्स कर सकते हैं। शारीरिक संबंध बना सकते हैं।
5. शारीरिक संबंध सच्चे प्रेम का एक हिस्सा है sex is a part of true love
माधव (मुंबई) का कहना है कि शारीरिक संबंध सच्चे प्रेम का एक हिस्सा है। लेकिन सिर्फ प्यार में सेक्स किया जाए तो उसे सच्चा प्यार नहीं कहा जा सकता है। अपने पार्टनर का ख्याल रखना सबसे जरूरी बात होती है। उससे अपने दिल की बात कहना जरूरी बात होती है। उनका दृष्टिकोण बहुत अलग है। आत्माओं का प्रेम जहां दो आत्माओं के संबंध को प्रकट करता है, वही शारीरिक संबंध दो शरीर के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है, क्योंकि सभी मनुष्य शरीरधारी हैं, इसलिए एक शरीर का दूसरे शरीर से संबंध तो बनेगा ही। यह एक स्वाभाविक सी बात है।
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निष्कर्ष
1.आदर्शवादी दृष्टिकोण
जो लोग आदर्शवादी दृष्टिकोण रखते हैं उनके अनुसार सच्चे प्रेम में सेक्स (शारीरिक संबंध) बनाना जरूरी नहीं होता है।
2. यथार्थवादी दृष्टिकोण
जो लोग यथार्थवादी विचारधारा को मानते हैं उनका कहना है कि सच्चे प्रेम में सेक्स जरूरी होता है और सेक्स प्यार को और भी मजबूत कर देता है।
मेरा दृष्टिकोण
- दोस्तों, इस प्रश्न पर गहन चिंतन करने के बाद मेरा दृष्टिकोण है कि सेक्स सच्चे प्रेम का एक हिस्सा है। पर यदि रिश्ते में सिर्फ शारीरिक सम्बन्ध बनाने पर फोकस हो और सेक्स पर ही बार बार जोर दिया जा रहा हो और भावनात्मक जुड़ाव न हो तो उसे सिर्फ “जिस्मानी प्यार” physical love ही समझा जायेगा।
- प्रेमी जोड़े के बीच भावनात्मक रिश्ता मजबूत होना चाहिए। सच्चे प्रेम की यही निशानी होती है। यदि आपका पार्टनर बीमार है, या उसकी तबीयत खराब है तो आप भी उसी तरह महसूस करेंगे। आप भी उसका दुख देखकर दुखी हो जाएंगे।
- यदि किसी प्रेमी जोड़े के बीच सच्चा प्यार होगा तो सेक्स स्वाभाविक सी बात है। क्योंकि हम सभी शरीर धारी हैं। तो एक शरीर का दूसरे शरीर से सम्बन्ध तो बनेगा ही।
- मेरा यह भी मानना है कि सेक्स सच्ची प्रेम को और मजबूत कर देता है।
- सेक्स शरीर की जरूरत है। जिस तरह पेट की आग बुझाने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, उस तरह शरीर की भूख मिटाने के लिए शारीरिक संबंधों की आवश्यकता होती है। इस बात को हमें स्वीकार करना चाहिए।
आपको what is love, What is True Love means? Does true Love require physical intimacy? पोस्ट कैसी लगी, अपने विचार कमेंट करके अवश्य बताएं।
धन्यवाद!!
Awesome blog! I like it a lot! Thanks and keep up the great work!
Pyar wo hai jisme ek dusre ko sex se nhi realax se samjha jana chahiye..rhi baat true love ki isko describe nhi kiya jaa sakta… q ki pyar pyar hi to hai….